CGPSC घोटाला: पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जमानत याचिका खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित CGPSC घोटाला मामले में फंसे पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। न्यायमूर्ति बीडी गुरु की एकलपीठ ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने यह फैसला 17 अप्रैल को सुनवाई के बाद सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सार्वजनिक किया गया।

CGPSC 2021 घोटाले में CBI कर रही है जांच

इस घोटाले की जांच CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) कर रही है। नवंबर 2024 में सीबीआई ने टामन सिंह सोनवानी को सरगुजा जिले से गिरफ्तार किया था, जब वह मैनपाट स्थित अपने फार्म हाउस की ओर जा रहे थे। सीबीआई की जांच में सामने आया कि सोनवानी ने अपने कई रिश्तेदारों और प्रभावशाली लोगों के परिजनों का चयन PSC परीक्षा में करवाया था।

रिश्तेदारों का नाम आया सामने

CBI के अनुसार, जिन लोगों का चयन कथित रूप से प्रभावित किया गया, उनमें भतीजे नीतेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, बहू निशा कोसले, दीपा अजगले और सुनीता जोशी जैसे परिजन शामिल हैं। साथ ही, राज्यपाल सचिव अमृत खलखो के बेटे-बेटी, DIG की बेटी, मंत्री के OSD की रिश्तेदार, और कई कांग्रेस नेताओं के परिजन भी संदिग्ध सूची में हैं।

जमानत खारिज, सीबीआई की कार्रवाई जारी

CBI ने अपनी जांच में चयनित उम्मीदवारों के घरों से प्रश्नपत्र संबंधित दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए हैं। सोनवानी को समन के बावजूद पेश न होने पर गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले बजरंग इस्पात के डायरेक्टर श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका की भी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।

मुख्य आरोपी कौन-कौन?

CBI ने इस मामले में अब तक 7 प्रमुख लोगों को आरोपी बनाया है:

टामन सिंह सोनवानी

श्रवण गोयल

शशांक गोयल

भूमिका कटियार

नितेश सोनवानी

साहिल सोनवानी

ललित गणवीर

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