पहलगाम हमले के बाद वायुसेना का ‘आक्रमण’ शुरू, इस युद्धाभ्यास में राफेल समेत कई लड़ाकू विमान दिखा रहे दम

दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर दियाहै। वायुसेना ने इस अभ्यास का नाम ‘आक्रमण’ रखा गया है। वायुसेना के इस युद्धाभ्यास में मुख्य लड़ाकू विमानों की टुकड़ियां हिस्सा ले रही हैं। इसमें सबसे आगे राफेल लड़ाकू विमान हैं। भारतीय वायुसेना के पास राफेल विमानों की दो स्क्वाड्रन हैं, जो अंबाला (हरियाणा) और हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) में तैनात हैं।

पूर्व से कई लड़ाकू और ट्रांसपोर्ट विमान पहुंचे
इस युद्धाभ्यास में पायलट पहाड़ी और जमीनी दोनों ही लक्ष्यों पर हमला करने के मिशन को अंजाम दे रहे हैं। युद्ध अभ्यास के लिए पूर्वी क्षेत्र से भी कई लड़ाकू और ट्रांसपोर्ट विमान पहुंचाए गए हैं। इस युद्धाभ्यास के तहत भारतीय वायुसेना के पायलट लंबी दूरी की उड़ानें भर रहे हैं। पायलटों को वास्तविक युद्ध जैसा अनुभव देने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस अभ्यास की शीर्ष स्तर पर भी निगरानी के जा रही है।

कई शीर्ष पायलट भी अभ्यास में शामिल
यह युद्धाभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ा है। यह युद्धाभ्यास एयर हेडक्वार्टर्स की कड़ी निगरानी में हो रहा है। इसमें वायुसेना के शीर्ष पायलट भाग ले रहे हैं, जिन्हें अनुभवी प्रशिक्षकों की निगरानी में अभ्यास कराया जा रहा है। बता दें कि, फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक में भी भारतीय वायुसेना की अहम भूमिका रही थी। तब वायुसेना ने मिराज-2000 विमानों का उपयोग किया था, लेकिन उसके बाद से वायुसेना में कई ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ शामिल किए गए हैं।

पहलगाम में आतंकी हमला
आतंकवादियों ने मंगलवार 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं।

भारत का पाकिस्तान पर कड़ा एक्शन
इस हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता और एकीकृत अटारी चेक पोस्ट को बंद कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *