भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला : EOW की टीम पहुंची दशमेश बिल्डर्स के दफ्तर, दस्तावेजों की जांच जारी

रायपुर। EOW ने आज छत्तीसगढ़ में हुए भारतमाला परियोजना में 220 करोड़ का मुआवजा घोटाला मामले को लेकर एक और बिल्डर के ऑफिस में दबिश दी है. तेलीबांधा स्थित दशमेश बिल्डर्स के ऑफिस पहुंचकर छानबीन कर रही है, जिसे 25 अप्रैल को छापेमारी के दौरान सील किया था.

बता दें, ACB/EOW ने 25 अप्रैल को प्रदेश के दुर्ग, रायपुर जिले में करीब 18 से 20 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इस दरौन रायपुर के दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दफ्तर में भी दबिश दी गई थी. लेकिन दफ्तर बंद होने की वजह से ACB/EOW ने दफ्तर को सील कर दिया था. इसके बाद आज EOW की टिम यहां फिर पहुंची है. फिलहाल जांच कर कागजात खंगाल रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कई पार्टनर हैं, जिसमें भावना कुर्रे का भी नाम सामने आया है. बताया जा रहा है कि भावना कुर्रे अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी है. इसके साथ ही हरमीत सिंह खनूजा (गिरफ्तार आरोपी) भी इस कंपनी में पार्टनर है.

4 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण में हुई गड़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने 26 अप्रैल को बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन शामिल हैं. इन आरोपियों को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था, जहां कोर्ट ने EOW की मांग पर चारों को 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है. फिलहाल ACB/EOW इन चारों से हिरासत में पूछताछ कर रही है. इसे भी पढ़ें: भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामला: EOW ने ठेकेदार समेत 4 आरोपियों को कोर्ट में किया पेश, 6 दिन की मिली रिमांड

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