उत्तर भारत में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन: पंजाब में अब तक 51 की मौत, हरिद्वार में टनल के पास ट्रैक में गिरा मलबा, 23 ट्रेनें प्रभावित
दिल्ली। उत्तर भारत में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के चलते लोगों की दुश्वारियां जारी हैं। सोमवार सुबह करीब पौने सात बजे हरिद्वार में टनल के पास रेलवे ट्रैक पर मलबा गिरने से रेल यातायात करीब 11 घंटे बंद रहा। इस दौरान 23 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। पंजाब में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 51 पर पहुंच गई है और 3.87 लाख लोग प्रभावित हैं। 4.34 लाख एकड़ क्षेत्र में फसले भी बर्बाद हो गई है। राज्य सरकार ने प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी बारिश से हालात खराब बने हुए हैं और कई सड़कें बंद हैं। कटड़ा में माता वैष्णो देवी यात्रा लगातार 14वें दिन निलंबित रही।
हरिद्वार में काली माता मंदिर के पास भीमगोडा रेलवे टनल के पास रेल ट्रैक पर पहाड़ से मलबा गिरा। एक महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना थी। ट्रैक पर मलबा गिरने से देहरादून-ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच चलने वाली ट्रेनों का संचालन ठप हो गया। 23 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। इनमें चंदौसी ऋषिकेश, हावड़ा योगनगरी ऋषिकेश दून एक्सप्रेस, अमृतसर देहरादून एक्सप्रेस, बाड़मेर ऋषिकेश एक्सप्रेस शामिल थीं। यात्रियों को पांच बसों से उनके गंतव्य तक बेजा गया। ट्रैक को शाम पांच बजे खोला गया।
पंजाब बाढ़ के कारण मौतों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है। बाढ़ से 4.34 लाख एकड़ फसल खराब हुई है, जिससे 25 फीसदी बासमती चावल का निर्यात प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। बाढ़ प्रबावित क्षेत्रों से अब तक 23,015 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
123 राहत शिविरों में 5,416 लोग ठहरे हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सेना ने 30 हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं, जबकि बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जमीनी स्तर पर सहायता प्रदान कर रही हैं। धान की फसल प्रभावित होने को लेकर जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उस हिसाब से कुल 12 लाख टन चावल के उत्पादन पर असर पड़ेगा। इसमें 6 लाख टन बासमती का उत्पादन शामिल है। राज्य सरकार ने बाढ़ के कारण जिन किसानों के खेत डूब गए हैं और फसलें नष्ट हो गईं, उनके लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की घोषणा की है।
हिमाचल प्रदेश में चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे चौदह दिन बाद बहाल होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। लारजी-बंजार एनएच भी छोटे वाहनों के लिए खुल गया है। बंजार के सैंज में हेलिकाप्टर से 30 क्विंटल राशन पहुंचाया गया। कुल्लू से मनाली हाईवे बहाल करने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। गगल एयरपोर्ट पर सोमवार को सभी उड़ानें समय पर पहुंचीं। शिमला में खराब मौसम के चलते हवाई सेवाएं ठप रहीं। सोमवार शाम तक प्रदेश में तीन एनएच सहित 744 सड़कें, 959 बिजली ट्रांसफार्मर और 472 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। मंगलवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। हालांकि 14 सितंबर तक कोई भी अलर्ट नहीं है।
राजस्थान में घर गिरा, दो की मौत
राजस्थान के भरतपुर के दीग इलाके में भारी बारिश के कारण एक घर के गिर जाने से भाई-बहन की मौत हो गई। परिवार के चार सदस्य घायल हुए हैं। सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में एक सरकारी स्कूल की इमारत का हिस्सा ढह गया। यह घटना छात्रों के स्कूल आने से पहले हुई, इसलिए बड़ी अनहोनी होने से बच गई। उदयपुर में, झाड़ोल के निकट भूस्खलन के कारण सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर आ जाने से उदयपुर-झाड़ोल राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध हो गया। मौसम विभाग ने जलोर, सिरोही, बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
सेना बनी देवदूत ,अब तक 21,500 लोगों को बचाया…
देश के कई प्रदेशों में अतिवृष्टि ने तबाही मचा दी है। युद्धस्तर पर जारी राहत व बचाव कार्य में सेना देवदूत बनकर सामने आई है। अप्रैल में मानसून की शुरुआत से लेकर अब तक सेना के जवानों ने देशभर के 75 स्थानों पर अलग-अलग राहत व बचाव कार्य में 21,500 से ज्यादा नागरिकों की जान बचाई है। साथ ही कुल 126 बचाव टुकड़ियों ने लगभग 9,700 लोगों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराई है।
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