छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त...जर्जर सड़कों और हादसों पर सरकार को फटकार, अगली सुनवाई 4 सितंबर
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य की जर्जर सड़कों और लगातार बढ़ते सड़क हादसों पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग (PWD) और अन्य जिम्मेदार एजेंसियों को सख्त आदेश जारी करते हुए साफ कहा कि अब सुधार केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर दिखना चाहिए।
कोर्ट का आदेश: बिलासपुर की सड़कें तुरंत ठीक हों
कोर्ट ने विशेष रूप से बिलासपुर की पेंड्रीडीह से नेहरू चौक तक की सड़क पर पड़े बड़े-बड़े क्रेक्स को तुरंत दुरुस्त करने का आदेश दिया। अदालत ने टिप्पणी की कि इतनी खराब सड़कों पर हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कोर्ट ने 25 अगस्त को हुई सुनवाई में कहा कि अब इस मामले की निरंतर मॉनिटरिंग होगी और अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी।
तीखी टिप्पणी: "क्या सिर्फ कोर्ट निगरानी करेगा?"
अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा—
"क्या केवल कोर्ट की निगरानी में ही सड़कें बनेंगी? क्या सरकार खुद जिम्मेदारी नहीं ले सकती?"
कोर्ट ने याद दिलाया कि बिलासपुर की इस सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल 2025 में ही स्वीकृत हो चुका था, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई।
अधूरे प्रोजेक्ट्स पर भी सवाल
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रायपुर का धनेली एयरपोर्ट रोड
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सेंदरी बाईपास का फुट ओवरब्रिज प्रोजेक्ट
कोर्ट ने इन अधूरे प्रोजेक्ट्स पर भी नाराज़गी जताई और जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए।
हादसों पर स्वतः संज्ञान
हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में बढ़ते हादसों को गंभीरता से लेते हुए कवर्धा जिले की उस दुर्घटना पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें 19 आदिवासियों की मौत हुई थी। पिछले चार सालों में सड़क हादसों में 107 मौतें होने पर भी कोर्ट ने चिंता जताई।
जिम्मेदार एजेंसियां कठघरे में
कोर्ट ने राज्य सरकार, PWD, पुलिस, परिवहन विभाग, NHAI, SECL और NTPC को सख्त निर्देश दिए। अदालत ने साफ कहा कि अगर अगली सुनवाई तक सुधार नहीं दिखा, तो जिम्मेदार विभागों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
हलफनामा दाखिल करने का आदेश
कोर्ट ने PWD सचिव और NHAI क्षेत्रीय अधिकारी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है, जिसमें सुधार कार्य की वास्तविक स्थिति बतानी होगी।
NTPC का जवाब
सोमवार को हुई सुनवाई में NTPC ने राखड़ परिवहन पर दायर पीआईएल पर जवाब दाखिल किया। NTPC ने बताया कि उसने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। नए SOP के तहत—
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बिना 200 GSM तिरपाल ढके ट्रक बाहर नहीं जाएंगे।
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वाहनों की तस्वीरें खींचकर रिकॉर्ड रखा जाएगा।
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ANPR कैमरे और डिजिटल वजनी पुल लगाए गए हैं।
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ओवरलोडिंग पर सख्ती से रोक लगाई गई है।
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